आज के लोग सच से घबरा रहे हैं,
सच्चाई की राह से किनारा कर रहे हैं।
सच कह दो तो सवाल उठाने लगते हैं,
ख़ुद को देखना नहीं चाहते, दूसरों को समझाने लगते हैं।
सत्य की राह चलने वाला अकेला रह जाता है,
झूठों के मेले में सच बेगाना कहलाता है।
आज के समय में लोग सच से घबराने लगे हैं।
सच को सुनना नहीं चाहते, देखना नहीं चाहते।
अगर कोई सच कह दे तो उसे समझने के बजाय उस पर विरोध करते हैं।
सत्य के मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति विरोध और आलोचना का शिकार होता है,
क्योंकि सच्चाई हर किसी को स्वीकार्य नहीं होती।