✍️ "मेरी कलम"
लोग कहते हैं —
मैं बीमार हूँ,
क्योंकि मेरी कलम
खामोशी में भी बोलती है,
आँसूओं को शब्द देती है।
डॉक्टर ने कहा —
तनाव से दूर रहो,
पर मेरे तनाव को दूर करने का
एक ही ज़रिया है —
मेरी यही कलम।
जहाँ दुनिया मुझे पागल कहती है,
वहीं ये कलम मेरी समझ बन जाती है।
जहाँ लोग रिश्तों से आहत करते हैं,
वहीं ये कलम मेरे ज़ख्मों पर मरहम रख देती है।
मेरे लिए ये दवा है,
मेरी प्रार्थना है,
मेरा घर, मेरा परिवार,
मेरी असली पहचान है।
लोग चाहे जो कहें,
पर मैं जानती हूँ —
मेरी कलम मेरी ताक़त है,
बीमारी नहीं,
मेरा जीवन है।
---