जब मुझमें ऐसी बात नही
मैं उसके जैसी खास नही
तो फिर क्यों तुमने अपनाया था
जीने की राह दिखाया था
तू ऐसी थी तू वैसी थी
तू तब न जाने कैसी थी
तुमने मुझको बतलाया था
तुमने आंखों में स्वप्न दिए
जो मिट न सके वो जख्म दिए
तुमने लड़ना सिखलाया था
अपनी ताकत समझाया था
फिर क्यों तू हताश खड़ा
चल कदम उठा और पाँव बढ़ा
जीने का मकसद तू पा जाएगा
तुझको जीना आ जाएगा।।
मीरा सिंह