.."Umeed ka Deepak"..
अंधेरों में जब राह ना सूझे,
और मन में हो सिर्फ़ उदासी,
तब एक दीपक जलाना तुम,
जो भर दे जीवन में उजियाली।
चोटें लगती हैं सबको यहाँ,
हर कोई है किसी जंग में,
मुस्कुराकर जो चल पड़ता है,
वो ही असली वीर संग में।
कभी हारों से डर मत जाना,
हर हार में छुपी जीत है,
हर आँसू एक मोती जैसा,
जो दिल से निकली प्रीत है।
ख़्वाब टूटते हैं कई बार,
पर सपने मरते नहीं कभी,
जो सपनों को जीते रहते,
वो ही होते हैं सच्चे राही।
नफ़रत से दिल को मत भरना,
प्यार ही सबसे बड़ी दवा है,
जो बाँट सके दिलों को जोड़ दे,
वो ही असली इबादत बवा है।
छोटे-छोटे कामों में भी,
बड़ी बातें छुपी होती हैं,
कभी किसी भूखे को खाना दे,
तो दुआएं झोली में होती हैं।
पेड़ों से सिख ले विनम्रता,
नदियों से बहने का चलन,
हर दिन कुछ अच्छा करके,
बन जाए तू जीवन का रथवन।
बदलाव तू ही लाएगा,
खुद पर भरोसा कर देख,
हर सुबह एक मौका है नया,
कभी तो किस्मत भी बोलेगी, "ठीक!"
तो जलते रहो दीपक बनकर,
अंधेरों को हराते जाओ,
प्यार, उम्मीद और रोशनी से,
इस दुनिया को सजाते जाओ |..