शायरी 💔🥺
इन आंखों से पूछ इन्तजार किया कितना
इस दिल से पूछ है दर्द कितना
इन होठों से पूछ रोज झूठी मुस्कान क्यों
मेरे हाल से पूछ इस हाल का ज़िम्मेदार कौन
मेरे बदन से पूछ रोज मारकर भी कैसे जिंदा तू
पूछ मुझसे जरा ऐसी दीवानगी का असर बस तेरे लिए ही क्यों
सब हो गया खत्म फिर भी तेरा इंतेज़ार क्यों