हवाएँ हो गई हैं सर्द
आओ धूप में कुछ पल
बिता लें।
कहें कुछ अपने मन की
रिश्तों पर जमी बर्फ
पिघला लें।
चटक से तोड़ें मूंगफली
कुछ दाने खा लें।
अवसाद भरे
जीवन की दौड़ धूप में
थक से गये हो
तो कुछ देर सुस्ता लें।
बातों के तिल का
ताड़ नहीं
तिल में थोड़ा
गुड़ मिला लें।
खाएं गजक
वाणी में थोड़ी
मिठास बना लें।
व्यवहार की चादर में
अहम की सीलन है
दबी रजाई में
ईर्ष्या की दुर्गन्ध है
इन्हें खोलें और
जरा धूप लगा लें।
हवाएँ हो गईं हैं सर्द
आओ धूप में कुछ
पल बिता लें...
मौसम में ठंडक की दस्तक
के साथ नमस्कार...🙏