हर रोज़ चेहरे पे चेहरा लगा के उठती हूँ
बीते कल की सारी बातें भुला के उठती हूँ
बहू हूँ... पत्नी हूँ... मां हूं बस यही याद रहता है
ख्वाब सारे अपने सिरहाने तले दबा के उठती हूं
दिन भर की दौड़-धूप और वो भी बिन पगार की
तुम बस एक गृहणी हो ये तगमा लगा के उठती हूं!!
- pooja