"जिसे अपना समझा वो ही सबसे पराया निकला,
हम जिस दिल से प्यार करते थे… वही दिल बेवफ़ा निकला।
हमने तो उसकी हर ख़ुशी को अपनी दुआ बना दी,
और उसने हमारी हर दुआ को सिर्फ़ मज़ाक समझा लिया।
वो कहता था— ‘कभी छोड़कर नहीं जाऊँगा’,
पर आज उसी की परछाई भी साथ नहीं।
हम टूटते रहे, बिखरते रहे हर रोज़ उसके लिए,
और वो किसी और की बाहों में हँसता रहा महीनों महीनों।
हमने तो हर धड़कन में उसका नाम लिख रखा था,
और उसने… किसी और की मुस्कान में अपना जहाँ ढूंढ लिया।
बेवफ़ाई का दर्द क्या होता है,
आज समझ आया—
जिसे सबसे ज्यादा चाहो,
वही सबसे पहले धोखा देता है।
अब न ग़म है, न शिकवा, न कोई सवाल,
बस इतना जान लिया कि कुछ लोग प्यार नहीं,
पसंद बदलते हैं… और रिश्ते भी।"
- kajal jha