ईश्वर की रची हुई रचना में सबसे सुकून देने वाली जो कोई रचना है वह आनंद या खुशी है। जिसने सही मायने मेंआनंद और खुशी को जान लिया वह कर्म से मुक्त हो गया। हम आनंद की प्राप्ति के लिए हर जगह भटकते रहते है पर हमें वहां आनंद नहीं मिलता। हम बाहरी साधनों में आनंद की प्राप्ति के लिए खोज लगाते है, पर भीतर में कभी नहीं खोजते। सच्ची खुशी या आनंद भीतर में है। जब भीतर की खुशी या आनंद जान जाए तब सभी बंधन से मुक्त हो जायेंगे। यह जानना और मिलना हमारे लिए असंभव सा है।।।।।
- ભૂપેન પટેલ અજ્ઞાત