पहली मुलाकात कितनी खास होती है........
जिसमें ना तुम दूसरे के मन को समझ पाते हो........
और ना आगे वाला आपको........
बस मन ही मन सो बाते सोच लेते हैं........
की काश ये हो काश वो हो..........
पता तो तब चलता है जब समय बीतने लगता है........
इसीलिए कहते हैं आज में रहो आने वाला कल और बिता हुआ कल दोनों हमारे हाथ में नहीं थे........
पर जो चल रहा हैं वही सत्य है........