न किसी आँखों का नूर हूँ न कोई दिल का ग़ुरूर हूँ,
किसी काम नहीं आ सके जो मुट्ठीभर धूल हूँ..।
जो बिगड़ा वो नसीब हूँ इक उजड़ा रक़ीब हूँ,
एक उनका हबीब हूँ मैं खुद ही से क़रीब हूँ..।
न लाग हूँ, न मैं लगाव हूँ न पतझड में छाव हूँ,
जो बिगड़ा वो बनाव हूँ, एक ठहरा सा घाव हूँ..।
बरसात का राग हूँ मैं बारिश में आग हूँ,
मेरे वक़्त से बिछड़ा मैं ख़िज़ॉंओ का बाग़ हूँ..