अगर मांग लेता मैं तन्हाइयाँ भी
मेरे साथ चलती ये हैरानियाँ भी
वो बदनाम होते तो है पर कुछ ऐसे
कि देखो उठाते है बदनामियाँ भी
उसे खोलता हूं तभी आदतन ही
अकड़ सी दिखाती है अलमारियाँ भी
हवा कर न पाई दिए को परेशाँ
हवा हो गई सब परेशानियाँ भी
ये आँखें बताती है सच सच कहानी
कि मासूम होती है मासूमियाँ भी
- rushil