बेवजह दूर हुए थे तुमसे
वजहों ने वजहों से कहा
अब किस वजह की
तलाश है तुझे
जब वो बेवजह ही
खुश है , दूर तुमसे
तो फिर किन वजहों
की तलाश है तुझे
वजहों में उलझती
और सुलझती रह गई हूँ
अब तो जिन्दगी की
हर सांस को भी वजहों
की तलाश है
आखिर तू ,आखिर तू
किस वजह से चल रही
जब जीने की कोई वजह ही नही।।
मीरा सिंह