दोहाश्रित सजल
आतंकी को पालता, सनकी पाकिस्तान......
आतंकी को पालता, सनकी पाकिस्तान।
दानव का वंशज बना, बनी बुरी-पहचान।।
प्रबल शत्रु यह शांती का, जग में है बदनाम।
निर्दोषों को मारता, पैशाचिक मुस्कान।।
कट्टरता की कोख से, जिन्ना का अवतार।
मानवता पर चोट कर, नित करता अभिमान।।
गधे भरे हैं पाक में, बस मुल्ला की सोच।
लिए कटोरा माँगता, चला रखा अभियान।।
सहने का साहस गया, आया अब भूचाल।
पहलगाम के घाव से, आहत हर इंसान।।
निज फौजी अभियान को, दिया नाम सिंदूर।
पहले वाला अब नहीं, नूतन हिंदुस्तान।।
नदियों का जल रोक कर, दिया कड़ा संदेश।
भारत का यह फैसला, आफत में अब जान।।
भारत ने अब प्रण लिया, छोड़ पड़ोसी धर्म।
लातों के इस भूत का, होगा पूर्ण निदान।।
मनोजकुमार शुक्ल "मनोज"
6/5/25