भूलने की इतनी भयंकर बीमारी लगी है।
पहले थी पर थोड़ी कम ...अब तो भाई साहब खतरनाक वाली भुलक्कड़ बन गई हूं।
जो काम करने जाती हूं बस उसके सिवा सारे काम कर आती हूं...फिर सोचा ऐसे भूलने से तो काम नहीं चलने वाला तो मैंने इससे बचने को😒हाथ पर लिखना शुरू किया
बस फिर क्या ... अब हाथ पर लिखा; पढ़ना भूल जाया करती हूं।मैं एक दिन में 4-5 अलार्म फोन पर सेट कर के रखती हूं ...लेबल लगा कर ताकि वो बजने लगे तो काम याद आ जाए ☹️इतना भला कौन भूल सकता है
बुढ़ापा आने में तो अभी देर है फिर जाने कैसे इतना भूलने लगी हूं🧐
और बड़ी बात...जो चीज भूलना चाहती हूं वो नहीं भूली जाती मुझसे वो तो हर घड़ी याद रह जाती है और जिनको याद रहना होता है वो ही सबसे पहले रीसाइकल बिन में घुस जाती है।😟
अब मेरी मेमोरी कार्ड में कोई वायरस घुस गया लगता है।
या कोई सस्ता सा सॉफ्टवेयर इंस्टॉल हो गया है जिसने मेरे मेमोरी कार्ड को हैक कर रखा है।
फिर कहीं पढ़ा कि भाई बादाम खाने से याददाश्त बढ़ती है...बादाम भी खरीद ली पर अब भिगोना भूल जाती हूं
और कभी अच्छा मूहर्त हो और याद भी रह जाए भिगोना तो... खाना भूल जाती हूं🤷🏻♀️और फिर लोग कहते है याद नहीं करती आज कल🙁अब उनको क्या बताऊं कि मुझे खुद याद नहीं रहता कुछ... मै उनको क्या याद करु
मेरा पूरा दिन तो मेरी भूली हुई चीजें याद करने में निकल जाता है।
ArUu✍🏻