मेरा कहना वो है
मेरा सुनना वो है
कभी हँसु या चुप हो जाऊँ
पर मेरा रोना वो है
बहुत शिकायतें
नाराज़गी खामोशियाँ
मगर मेरा कुछ न कहना वो है
उससे मिलना नही है मुझे अब
मगर मेरा जीना वो है
आँखों के किनारे बसे
आंसूओ की चमक वो है
जीवन के सफर में
हर एक एहसास वो है
वो कुछ भी नही मेरा
मगर मेरी हर आस वो है।।
मीरा सिंह