तेरे से दूर होने की बहुत कोशिश किया मैंने
तुम्हारा सरे आम बेइज्जती करना
वो भी चुप हो कर सेह लिया मैंने
गुस्सा तो सच मे
बहुत आया
फिर तेरे बिताये वो पल याद आगये
मैं तुम्हारी जिंदगी का वो हिस्सा बन ही नहीं पाई
जो हिस्सा मेरी जिंदगी मे तुमने बना लिया
बार बार phone देखना की कही तुम्हारे msg तो नहीं
शयाद status मेरे लिए तो नहीं
मनाने का कोई बहाना तो नहीं 💔
पर गलतफैमी भी बहुत गज़ब चीज़ हैँ
ये एहसास तुमसे मिलकर हुआ
सुकून हो तुम मेरे, सुकून हो तुम मेरे
ये बार बार कहने से सुकून कोई बन नहीं जाता
thankx ये बार बार एहसास दिलाने के लिए
चल तू रूठा मैंने मना लिया
ये किस्सा यही खत्म ही करते हैँ
बार बार अपना होने का एहसास दिलाये
वो रिस्ता ही क्यों??
मेरे दर्द को आँखों मे देखा ही नहीं
मेरे अल्फाज़ो को समझा ही नहीं
फिर बोलने से क्या फ़ायदा
एहसास तेरा हैँ इसलिए तो बार बार तेरे पास आ जाती हूँ
खुद का insult कराने 💔💔
- SARWAT FATMI