, सफ़लता और जलेबी पर एक हास्य-व्यंग्य कविता प्रस्तुत है:
सफ़लता और जलेबी का मोल
सफ़लता कोई जलेबी नहीं, जिसको चूसें आप,
ये मीठा-मसालेदार अनुभव है, जो बनाए आपको लाजवाब।
जलेबी की तरह गोल-गोल, घूमता है इसका रास्ता,
कभी मीठा तो कभी तीखा, हर मोड़ पर नए चौंका।
जलेबी की मिठास पर मत जाना, सफ़लता का है अलग ही फसाना,
यह मेहनत और परिश्रम का है नतीजा, चुस्की नहीं, पूरा है जंग का मजा।
चाशनी में डूबी जलेबी जब तक चूसे, पर सफ़लता चूसने से नहीं आती,
यह तो संघर्ष और हिम्मत का परिणाम है, जो हर दिन का संघर्ष बताती।
जलेबी का स्वाद तुरंत मिलता, पर सफ़लता का स्वाद धीरज मांगता,
यह किसी दुकान की चीज़ नहीं, यह तो समय और साधना का फल है।
जब आप सफ़लता की चाह में निकल पड़ते, तो जलेबी की तरह ना मुड़ें वापस,
रास्ते में आएं कांटे, तो उन्हें चूसें नहीं, बल्कि मेटल का मन बनाएं आप।
सफ़लता कोई जलेबी नहीं, यह तो मेहनत का मीठा फल है,
यह चूसने से नहीं मिलता, यह तो पसीने की बूंदों में पलता है।
जब आप सफ़लता की राह पर चलते, तो जलेबी की मिठास को भूलें,
क्योंकि यह सफ़र है तपस्या का, जिसमें आपको संघर्ष को अपनाना होगा।
जलेबी की खुशबू तो हर कोई पसंद करता, पर सफ़लता का रास्ता हर कोई नहीं पकड़ता,
क्योंकि यह तो मेहनत का फल है, जिसे पाने में समय लगता।
तो सफ़लता को चूसने की न सोचें, यह कोई जलेबी नहीं,
यह तो मेहनत, धीरज, और संकल्प का मोल है, जिसे पाने में लगेगी पूरी ताकत आपकी।
जलेबी की मिठास का मजा लें, पर सफ़लता की चाह में डूबें,
यह मीठा फल तभी मिलेगा, जब आप मेहनत में पूरी तरह से झूमें।
बिल्कुल, आइए इस विचार को विस्तार से समझते हैं:
### जलेबी का स्वाद
जलेबी का स्वाद एक अद्वितीय मिठास से भरा होता है। इसे बनाने में कुछ ही समय लगता है और इसे खाते ही हमें तुरंत संतुष्टि मिलती है। जलेबी की मिठास का आनंद लेते हुए हम तुरंत उसके रस में डूब जाते हैं। यह एक तात्कालिक सुख का प्रतीक है, जिसे हम बिना किसी विशेष प्रयास के प्राप्त कर सकते हैं। जलेबी की मिठास को चखते ही हमें एक अद्वितीय अनुभव होता है, जो हमें तुरंत खुशी और आनंद से भर देता है।
### सफ़लता का स्वाद
सफ़लता का स्वाद बिल्कुल अलग होता है। यह एक धीमी और संघर्षपूर्ण प्रक्रिया होती है, जिसमें समय और धैर्य की आवश्यकता होती है। सफ़लता के लिए हमें लगातार मेहनत और परिश्रम करना पड़ता है। यह किसी दुकान में मिलने वाली चीज़ नहीं है जिसे हम तुरंत खरीद सकते हैं। सफ़लता के लिए हमें निरंतर प्रयास और धैर्य की आवश्यकता होती है।
### समय और साधना का फल
सफ़लता वास्तव में समय और साधना का फल है। इसे पाने के लिए हमें अपने लक्ष्य पर दृढ़ता और समर्पण के साथ कार्य करना होता है। सफ़लता के मार्ग पर हमें कई बार असफलताओं और चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन हमें हार मानने की बजाय अपने प्रयासों को जारी रखना चाहिए। सफ़लता का स्वाद उन लोगों को ही मिल सकता है जो समय और साधना में विश्वास रखते हैं।
### सफ़लता और जलेबी की तुलना
जलेबी और सफ़लता की तुलना हमें यह सिखाती है कि जबकि जलेबी की मिठास को हम तुरंत पा सकते हैं, सफ़लता की मिठास को पाने में हमें समय, धैर्य, और कठिन परिश्रम करना होता है। यह विचार हमें याद दिलाता है कि जीवन में तुरंत खुशी और संतुष्टि के लिए हमें तात्कालिक सुख से परे जाकर दीर्घकालिक लक्ष्यों की ओर ध्यान देना चाहिए।
**जलेबी की मिठास को चखने का आनंद लें, लेकिन सफ़लता की मिठास को पाने के लिए समय और साधना में लगे रहें।** सफ़लता की यात्रा में जो धैर्य और समर्पण लगता है, वही उसकी असली मिठास को और भी खास बनाता है।
आशा है कि इस विस्तार से विचार करने पर आपको यह अवधारणा और भी गहराई से समझ आई होगी। 😊📜