दूर इतने हो कि रोज मिल नहीं सकते,
और पास इतने ही दूर हो नहीं सकते,
ये इश्क भी क्या चीज है,जो मार रहे हैं उसी पर मर रहे हैं।नहीं लगती अब भूख और प्यास,
याद नहीं कितनी रातें बिना सोए गवांई है,
यह इश्क भी क्या चीज है ,जो भूलना चाहते हैं वही याद दिलाती है।
सफर में साथ थे तब रास्ते दिखते नहीं थे,
आज मंजिल सामने है फिर भी सफर अधूरा है,
यह इश्क भी क्या चीज है,जहां से शुरू किया था वापस वहीं आ के रुके हैं।
रूठे होते तो मना भी लेते,
गले लगा कर हर गीले शिकवे दूर भी करते,
कमबख्त ए इश्क भी क्या चीज है,छोड़ना वह चाहते हैं और बुरा हमें बनाते हैं।।RV 👑