कभी ख़्वाबों की गहराई, कभी यादों की परछाईं,
कभी तूफ़ान दिल में है, कभी ख़ामोश तनहाई।
कभी आँखों में सपने हैं, कभी होंठों पे शिकवे हैं,
कभी दिल बैठकर रोता, कभी बेबात हँसी आई।
कभी जगती हैं उम्मीदें, कभी अरमान थकते हैं,
कभी सौगात मिलती है, कभी मिलती है रुसवाई।
कभी ठहरो, ज़रा सोचो, कहीं क्या वक्त रुकता है,
कहीं उठते ज़नाजे हैं, कहीं बजती है शहनाई...
#मानस