" चार मे से तीसरा आश्रम तो वान प्रस्थ होता है न "राम प्यारी बोली।
" सही बोली, पर गृहस्थ मे ही वृद्ध हो जावे तो क्या हो "आँखो मे चमक आ रही थी मस्त राम की
" और कुछ भी सूझता है क्या आपको, पर वृद्ध आश्रम कोई होता है क्या ? "
" आजकल शादी के बाद ही शुरू हो जाता है वृद्ध होना आदमी, सारी लाइफ ही यही... " मस्त राम
" अब बक बक छोड़ो, कुछ सब्ज़ी आटा तेल ला के दो मुझे "
"यही तो मुझे वृद्धा श्रम मे धकेल रही है " कह कर मस्त राम ने बैग उठाया, चल दिया