कितना सुंदर लिखा है किसी ने.....
प्यास लगी थी गजब की, मगर पानी मे जहर था... पीते तो मर जाते और ना पीते तो भी मर जाते !!
बस यही दो मसले, जिंदगी भर ना हल हुए, ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए !!
वक़्त ने कहा... काश थोड़ा और सब्र होता, सब्र ने कहा... काश थोड़ा और वक़्त होता !!
शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी, पर चुप इसलिये हु कि जो दिया तूने, वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता..!