आज मैंने ईश्वर को
सत्य बोलते देखा
आज मैंने ईश्वर को
असत्य बोलते देखा
पता नहीं कहाँ
आपको पता है तो बताना।
आज मैंने ईश्वर को
घूस देते देखा,
आज मैंने ईश्वर को
घूस लेते देखा
पता नहीं कहाँ
आपको पता है तो बताना।
आज मैंने ईश्वर को
अहिंसा में देखा,
आज मैंने ईश्वर को
हिंसा में देखा,
पता नहीं कहाँ
आपको पता है तो बताना।
आज मैंने ईश्वर को
न्याय करते देखा,
आज मैंने ईश्वर को
अन्याय करते देखा,
पता नहीं कहाँ
आपको पता है तो बताना।

Hindi Poem by महेश रौतेला : 111941845
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