बेहिसाब हसरते ना पालिए
जो मिला उसे आप संभालिए,

ये जिंदगी तो है चार दिन की
सब से हस बोल कर गुजारिए,

एक दिन खाक मैं मिल जाना है
डर खुदा का आखिरात संभालिए!

-गुमनाम शायर

English Shayri by गुमनाम शायर : 111939946
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