बहुत रोना चाहती हूँ मैं
मगर मैं रो नही सकती।
मेरे सामने जिम्मेदारियों
कई दीवार बहुत है।।
टूट चुकी हूँ मै
मगर मैं बिखर नही सकती ।
क्योंकि सब कहते है
तुम मजबूत बहुत हो।।
आंखो मेें आंसू आ जाए तो
नज़र को झूका लेती हूं।
गर पड़ जाए किसी की नजर मुझपर
तो धीरे से मुस्कुरा देती हूँ। ।
सारे काम होते है पापा आपके बगैर
फकत जिन्दगी का गुजारा नही होता।
एक घुटन सी है जिन्दगी मे
कैसे कहूँ पापा कि मैं आपके बगैर जी लेती हूँ
आपके बगैर जी लेती हूँ। ।
मीरा सिंह