तेरे इंतजार में रफ्तार सी भी पकड़ी
जैसे चांद पर जाकर आने की उम्मीद नहीं
लेकिन मैने भी इंतजार में पापड़ बेलने की कसर ना छोड़ी
पर तेरे आने की खबर की कोई उम्मीद नहीं
तेरे इंतजार में घड़ियां चलती रही
हर दिन सूरज और चांद दौड़ लगाने लगे जल्दी जाने की
लेकिन मैने भी तेरे ख्यालों में जाने की कसर ना छोड़ी
पर तेरे मिलने की चाहत का कुछ अंदाजा ही नही !!
तेरे आने की आस में ज्योति जलती रही
बारिश और तूफान ने भी उसे बुझाने की हर कोशिश की
लेकिन मेरी चाहत ने बुझने ना दी
पर तेरी मुझे देखने की चाहत का कुछ पता नहीं
तेरे इंतजार में कुछ खामोश सी हो गई
खिले हुए फूल से मुरझाए हुए फूल जैसी हो गई
लेकिन मैंने अपनी आशा को निराशा नही दी
पर तेरे आने के बाद मेरे साथ रहने का कोई संकेत नहीं !!
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