पता नही कितनी बार दूसरों के लिए
खुदको समझाया हे
दूसरों के लिए खुदको रुलाया हे
खुदकी ख्वारिसो को मारा है
खुदकी खुसिया भुलाए है
जब ये सोचा की ये तो सब छुट जाने वाला है
एक न अकदीन तो तुमे अपने आप के साथ ही जीना पड़ेगा
तब जाके जहन में उतरा की अपने भीतर के आनंद को खोजना कितना जरूरी होता है।