जब आप खुदको खुस करने का हक किसी को देते हो ना
तभी खुदको दुखी करने का हक भी साथ में ही चला जाता है
अपनी खुशियो के लिए जब तक दूसरों की जरूरत है
तब तक आप को कोई दुखी कर सकता है
जब आप बाहर की जगह अपने भीतर आनंद खोजने लग जाओगे तो आपको कोई दुखी नही कर सकता है।