" चले चलो मन के इलाज करवाएंगे चले चलो... "
चले चलो चले चलो मन के इलाज करवाएंगे चले चलो,
मन की हर तकलीफ को गंभीर समझा करते है चले चलो,
हम इलाज करवाएंगे.. चले चलो।...
आंख,कान,नाक,जीभ,त्वचा को लगे जब अजीबो गरीब ,
इन्द्रियों में हो जाए दोस्त गड़बड़ और गफलत तो ,
हम इलाज करवाएंगे.. चले चलो...।
अंगत जीवन,व्यक्तित्व, और संवेदना में हो जब मुश्केली,
शराब,गांजा,तंबाकू,ड्रग्स,मोबाइल हो जाए हम पे हावी तो
हम इलाज कराएंगे... चले चलो...।
ना समझे ना सुने और वर्तन में आए भर्ती और ओट
सफाई,विचार,शंका और क्रिया करने लगे बार बार तो,
हम इलाज करवाएंगे.. चले चलो... ।
चंचलता,तनाव ,आत्महत्या ,और पढ़ाई में हो कमजोरी,
जब मस्तिष्क में आए तूफान और सन्नाटा कभी भी तो,
हम इलाज करवाएंगे चले चलो... ।
वक्त ठहरा हुआ लगता है ,दुनिया का कुछ पता नहीं,
दिन,रात की खबर नही,डर से बंद कमरे ही दुनिया लगे तो
हम इलाज करवाएंगे ..चले चलो... ।
सुख और दुःख लूट गया और हो गया शून्य,
गुमसुम,ना नहाना,ना खाना,ना अपनो के लिए प्यार तो,
हम इलाज करवाएंगे.. चले चलो... ।
दवाई, थेरपी, सपोर्ट,काम सब है संजीवनी,
मानस को तंदुरस्त बनने का शपथ ले चलो,
हम इलाज करवाएंगे... चले चलो... ।
उठो, जागो ,समझो, समझाओ और चलो,
अंधश्रद्धा को दफन कर के दोस्त अस्पताल चले चलो,
हम इलाज करवाएंगे... चले चलो... ।
@ रोहित जोशी