##भाई तेरा प्यार ##
भाई तेरा प्यार
बचपन का ओ तकरार
जीना भी था मरना भी था
बिन तेरे संग बेकार
हर चीज़ मगायी जाती जब
आवाज़ लगाईं जाती तब
तू ले ले ये चीज़े
है तेरा भी अधिकार
भाई तेरा प्यार
ओ बचपन का अधिकार
ओ आंख मिचौली खेल भरा
अपना पन का रंग अपेल भरा
थी तुनक तुनक के हर बाते
हर बातो में था खेल भरा
हर अगले पल रहता
तेरे इशारों का इंतज़ार
भाई तेरा प्यार
ओ बचपन का तकरार
थी और भी छोटी बहनें भी
रहती उनकी कहने भी कुछ
सब को रहता तेरे संग
आंख मिचौली का इन्तजार
भाई तेरा प्यार
ओ बचपन का इंतजार
है छिनता बचपन यार
रहती है सुध बेशुमार
नीरस होता संसार
एक नया रूप लेता
हर जन मानस का आकार
भाई तेरा प्यार
ओ बचपन का लाड दुलार
रस भरी जलेबी खातिर
जब होती थी तकरार
है आज अमीर्ति खूब
पर नही आज ओ प्यार
नही आज तकरार
नही है रिश्ते में कोई निखार
अब नही कही लगता है
मेरा जन्म सिद्ध अधिकार
भाई तेरा प्यार
ओ चढ़ी हुई आंखों के
पीछे रहता था प्यार
ये कहा गया संसार
ओ कहा गया निखार
जब गैरों से मिलकर भी
बन जाता था संसार
अब तो अपने हुए बेकार
होती रहती है तकरार
हर छोटी बातो को लेकर
हैं उजड़ गए परिवार
लोग बहुत यू तो है
पर दिखता इकलौता परिवार
जिसका कोई नहीं है सार
जीते है लोग बेकार
नही किसी पर भी अधिकार
नीरस होता ये संसार
भाई तेरा प्यार
ओ तेरा अनमोल विचार
मन में लाता था खूब निखार
जिसमे था मेरा अधिकार
तू लौटा दे एक बार
ओ जीवन में मेरे निखार
झूठे ही मेरी चीजों पर
कहने को दिखा अधिकार
बचपन का वही फिर प्यार
लौटा दे रिश्तो में निखार
भाई तेरा प्यार
ओ बचपन का मेरा अधिकार।।
_____मुनि पराशर मिश्र " नम्र "तरुण