प्यार में पागल दशरथ मांझी अपनी धुन के थे पक्के
सीना चीर पहाड़ का बना कर चले गए रास्ते
असंभव को संभव किया रच डाला इतिहास
क्योंकि उन्हें खुद पर था विश्वास उन्हें खुद पर था विश्वास
जीत की पक्की अरुणिमा की थी गजब की आश
एक पाव नकली था फिर भी नहीं मानी हार
एवरेस्ट को फतह किया पहना जीत का ताज
क्योंकि उन्हें खुद पता विश्वास उन्हें खुद पर था विश्वास
बचपन में गरीबी देखी थी स्टेशन पर चाय भी बेची थी
मां दूसरों के घरों में बर्तन मांजने जाती थी
अपने बच्चों को मुश्किल से पढ़ाया लिखाया करती थी
फिर भी देश हित की भावना का कभी न छोड़ा साथ
इसलिए इस महान देश के महान पीएम नरेंद्र मोदी हैं आज
क्योंकि उन्हें खुद पर था विश्वास
उन्हें खुद पर है विश्वास
जय हिंद
#mohitrajak