"जज्बातों को रोक रखा है,कहीं दिख न जाए आंखों की नमीं..
देखना है!!कब तक इसे रोक पाती है सच्चाई की जमीं"--
---डॉअनामिका--

-डॉ अनामिका

Hindi Shayri by डॉ अनामिका : 111866854
अब ला इलाज हो गए है देव बाबू 1 year ago

तेरी एक मुस्कान के खातिर कुछ भी कर जावू मैं जी तो चाहता है खुद तेरा खिलौना बन जाऊ मैं.......

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