बाते? कहा से शरू करे?
दुनिया में भूख–प्यास के बाद आने वाली कोई चीज जो अपने दिन को पूरा करती है वो है बाते।
कोई बोल देता है, तो कोई सिर्फ सुन लेता है।
कोई मन भर के बोल देता है, कोई मन में ही बोल देता है।
किसी के बोले बिना काम नहीं जमता,
कोई बिना बोले ही पढ़ लिया जाता है।
किसी की बुराई हो या भलाई होती बाते ही है।
बाते लह्मे बना देती है, बाते दोनों में ना हो तो भी लम्हा बन जाता है, आँखे जो बोल रही होती है।
कभी छुपाई जाती है कभी किसी बेजान पन्नो पे लिख उसे सहेजी जाती है।
और भी कही मायने लेकर चलती है बाते।
हर एक के लिए अलग मकाम होती है बाते।