अनजान पथ के हे पथिक, पथ से तू अनजान हैl
अनजान पथ पे है चला, न पथ का तुझको ज्ञान हैll
पथ से है अनजान तू, चल हाथ मेरा थाम लेl
अनजान हैं राहें तेरी, तू पहले इनको जान लेll
कितने हैं पथ भटके यहां, कितनो ने ठोकर खाई हैंl
मृत्यु यहां आसान पथ, जीवन ये लंबी खाई हैll
एक आस का दीपक लिए, द्वारे पे अपने वो खड़ीl
पथ तेरा आसान हो, है जिद पे अपने वो अड़ीll
पथ तेरा रोशन करे, ले दीप अपने हाथों मेंl
हर वक्त तेरा जिक्र है, हर वार उसकी बातों मेंll
अनजान पथ पे है चला, क्या लौट तू कभी पायेगाl
क्या आस का जलता दीया, तुफानों में जल पायेगाll
न आस उसकी टूटेगी, चाहे मृत्यु का वो ग्रास होl
जिस दिन न पथ रोशन मिले, उस दिन तुझे अहसास होll
#U .V.Rudra