ना उम्मीद रखता हूं,
ना हौसला खोता हूं,
हर एक कदम धीरे से चलता हूं,
ना तेवर बदलता हूं,
ना जेवर बदलता हूं,
अपनों के लिए अपने को खोता हूं,
ना दिन देखता हूं,
ना रात दिखता हूं,
हर एक पल में आसमान देखता हूं,
चाहे तो खींच ले सांस जिंदगी की ए "खुदा"
मरने के बाद मुस्कुराने का मैं जिगर रखता हूं,
हिरेन दवे