जो आपकी सोच को आपके विश्वास को बल दे, जिसके करने से कुछ अच्छा होता हो और साथ ही यह विश्वास हो कि हम जो भी करेंगे उससे हमें और हमसे जुड़े सभी लोगों को शांति मिलेगी वह आस्था है, लेकिन जो काम सिर्फ इसलिए किया जाए कि अगर हम नहीं करेंगे तो समाज नाराज होगा या भगवान नाराज हो जाएँगे तो वह अंधविश्वास है क्योंकि वहाँ पर डर बैठा हुआ है।
आस्था में सकारात्मक ऊर्जा,
विश्वास और समर्पण होता है
जब कि
अन्धविश्वास में
अज्ञानता और भय छुपा होता है।
नीलिमा कुमार