इतनी लंबी बातचीत के बाद अब जब अपनी आंखे बंद करता हूं तो कानों में तुम्हारी ही आवाज ही गुंज रही होती हैं। अक्सर मुझे इस बात का भी भ्रम होता है की तुम मेरे कानों में धीमी आवाज में अब भी कुछ कह रही हो। मैं तुम्हारी बाते ध्यान से सुनता हूं इस उम्मीद में की तुम अब भी मेरे साथ हो मेरे पास हो..❤️