मेरे लिए दिन व्यक्ति के सामान है। सूर्य का उदय होना उस व्यक्ति का दिन में प्रवेश करना है। जब भी यात्रा में होता हूं उस दिन को किसी व्यक्ति का नाम दे देता हूं। बीते दिनों देवपूर में बिताए दिन का नाम मैंने आस्था रख दिया। अब यात्रा में अकेला नहीं था। सुबह से दोपहर और फिर शाम मैं उस नाम के साथ बना रहा। अक्सर सारा दिन जीने के बाद शाम के वक्त दिन को अलविदा नहीं कहता...व्यक्ति को कहता हूं। वर्षों बाद बिताए दिन को तारीख से नहीं व्यक्ति के नाम से याद करता हूं। अपना हर दिन शिद्दत से जीता हूं इसलिए रात में खुद को अकेला भी महसूस करता हूं। मेरी हर रात बिताए हुए दिन की यादों के साथ होती है और हर सुबह दिन के रूप में एक नए व्यक्ति के साथ। यह मेरी बनाई हुई दुनिया है, जिसे हर दिन जीता हूं। #devpur