काश और आस में ही ज़िंदगी निकल जाती हैं ,
कुछ लोग कमान से तीर चला देते हैं ,
कुछ लोगो के हाथों से कमान ही छूट जाती हैं,
जो करना हैं आज - अभी कर लें,
इस तरह ना बैठ बंदे , हाथ पे हाथ रख कर,
वर्ना कभी रेत की तरह,
और कभी पानी की तरह बह जाती हैं ज़िंदगी,
_Kridha