इंसान की पहचान है ईमान।
सच सामने लाती हो जबान।
एक एक वाक्य हो संविधान।
सदा सात्विक हो खान-पान।
कल्याण हेतु दे जो बलिदान।
जगत में फैलाये जो सद्ज्ञान।
मानवता को ही समझे शान।
शरणार्थी को दे जो अभयदान।
परार्थी कहलाता जग में महान।
'अनीस' गुणियों का गाता गान।
-दिपेश कामडी 'अनीस'