क्यों ना किसी को कहा जाए ,
तो क्यों ना अकेले रहा जाए !
क्यों उसी को चाहा जाए ,
जो किसी को मिल ना पाए !
अगर किसी को मिल जाए ,
तो क्यों उसी को भुलाया जाए !
क्यों उसी को याद किया जाए ,
जो कभी हमारे हो ना पाए !
यह इश्क है या चाहत ,
क्यों ना किसी को कहा जाए !
है जिंदगी छोटी
तो क्यों ना जी भर के जिया जाए !
- Monali Vyas