मोह्हबत है मेरी तुमसे, खबर ये शायद सबको है
दीवाना हूं तुम्हरा मैं, खबर ये शायद सबको है
है मुश्किल ये मेरी की तुम बिन रह नही सकता
अभी जो दूर बैठा हूँ , शिकायत शायद सबको है
जो कह दो तुम अगर मुझसे, तुम्हरे पास आ जाऊं
तुम्हरे साथ आ करके, तुम्हरे साथ हो जाऊं
तमन्ना है ये इतनी सी, मगर ये हो नही सकता
मैं उलझा हूँ इस उलझन मैं समझ ये शायद सबको है
"अनुभव"