Dedicate to all women-
नारी हूं मैं नारीत्व की पहचान खोज रही हूं,
काबिल हूं मैं कर सकती हूं यह बात बोल रही हूं,
सक्षम हूं मैं फिर क्यों रुकूं दुनिया की बाधाओं से,
उड़ने के लिए आसमानों में पंख खोल रही हूं,
संघर्ष है जीवन मेरा यह बात जानती हूं,
कोई नहीं मेरा अपना यह भी मैं जानती हूं,
सुरक्षा मेरी करना मुझे ही यह मर्ज जानती हूं,
सम्मान ना मिला उसका कभी जो कर्म करती हूं,
मुद्दा यही कहना यही बस इतना चाहती हूं,
नारी हूं मैं बस आपसे अपनत्व मांगती हूं,
महलों से बड़े घर नहीं मैं बस सुकून चाहती हूं,
मेरी जिंदगी मेरी तरह जीने की बस एक उम्मीद चाहती हूं, इंसान हूं मैं भी सभी की तरह जीना मैं भी चाहती हूं,
आपसे बस थोड़ा सा प्यार रक्षा और सम्मान चाहती हूं।
Happy international women's day 🙏
Written by- Sakshi Jain