जमाना गुजर गया हम भी कही खो गये।
कुछ लोग अपने थे वो शायद अब पराये हो गये
उस वक़्त को याद करता हु
जहां शाम ढलते हुए दिन शुरू होता था।
आज भी शाम ढलते दिन तो शुरू होता है
पर वो बात नही जो पहले होती थी,
जहा जिंदगी जीने जैसी लगती थी।
कुछ तो है जो कही पे बदल सा गया है
वो बाते जो अधूरी रह गईं है
बस अब इंतेजार है उस पल का जो
शायद कही दूर है,पर कभी तो आयेगा।
बस इंतेजार है..!
-Rohit Jaydip