आज फिरसे तेरी याद आयी है ;
क्योंकि आज फिरसे वो याद सामने आई है ....
वक्त फिरसे दोहरा रहा है ;
वो सारी बाते जो तेरे मेरे दरमियां थी ....
इसलिए आज फिरसे वो रात आयी है ....
आँखों के आगे छा रहे है फिरसे वो लम्हे ....
जो हमने साथ गुजारे थे उस वक्त में .....
वो वक्त फिरसे दोहरा रहा है खुदको ....
वक्त ही सामने लाया है हर एक लम्हे को ....
वक्त ने भी वो बात याद दिलाई है ....
जो वक्त के चलते भूल चुके थे हम ....
उस लम्हे में गुजरे वक्तने फिरसे तेरी याद दिलाई है ...
Dr.Divya....