चलो मान लीया की तुजे भूला चुके है हम ...
चलो मान लिया कि तेरी यादों को
अपने जहन से मिटा चुके है हम ....
चलो मान लिया कि अब वो प्यार नही रहा ...
तो फिर ऐसा क्यों होता है ...
जब भी खुदा से कुछ मांगते है तो
जुबा पे तेरा ही नाम पेहले क्यों आता है ...!
चलो मान लिया कि दिल मे किसी
और को बसा लिया है हम ने ...
चलो मान लिया कि मन मे हर वक्त
किसी और कि छबि रहती है ...
तेरे हर एक इल्ज़ाम को हसके
मानने को तैयार है हम ...
तो फिर तू ही बता ....
ये कोनसी जगह है मुजमे जहाँ
कही ना कही तुम बसे हो ....
कैसे कहदे की तुमसे अब प्यार नही करते ...
माना कि पहले जैसा जुनून नही
अब मुजमे तुजे पाने का ...
तो फिर क्यों तेरा ही नाम जहन में
आता रहेता है हर वक्त ...
Dr.Divya