रचना
हमने कहा, आज़ाद हैं अब, दिल की सुनेंगे यहाँ
राहें बनायें हम ही हमारी मंज़िल चुनेंगे यहाँ
कोई ना छोटा कोई बड़ा ना, मिल के चलेंगे यहाँ
अधिकार सबको जीने का हो, सर ना झुकेंगे यहाँ
हम लोग, We the People
हमने कहा, चूल्हे सभी के, जलते रहेंगे यहाँ
सब का जहाँ, हर आशियाँ, बसते रहेंगे यहाँ
अंगूठों के लाखों निशाँ, लगते ना होंगे यहाँ
हम लोग, We the People
हमने कहा मेहनतकशों के, सम्मान होंगे यहाँ
जंगल-ज़मीं, खानें-नदी, लुटते ना होंगे यहाँ
खेतों में आंसू नहीं, फसलें उगें यहाँ.
हम लोग, We the People
हमने कहा, बरसों लगें ना, न्याय होंगे यहाँ
कानून से, फौजों से हम, डरते ना होंगे यहाँ
जेलों में सांसें रुकें ना, ज़ुल्मोसितम ना यहाँ.
हम लोग, We the People
हमने कहा, जाति धरम, जलते न होंगे यहाँ
चारों दिशायें, भाषा बोली, आबाद होंगे यहाँ
माटी हमारी, लोग हमारे, आज़ाद होंगे यहाँ
हम लोग, We the People
आपणे, We the People,
असीं लोकी, We the People,
नम्मळ, We the People,
नावू जनारु, We the People
आमरा, We the People,
आमी ज़ाकालो, We the People
आस लूख, We the People,
आम्ही लोक, We the People
आमु आखा, We the People
विनय – चारूल