" Journey of life "
पूछा जो मैंने एक दिन खुदा से ,
अंदर मेरे ये कैसा शोर है,
हँसा मुझ पर फिर बोला ,
चाहते तेरी कुछ और थी ,
पर तेरा रास्ता कुछ और है ,
रूह को संभालना था तुझे ,
पर सूरत सवांरने पर तेरा जोर है ,
खुला आसमान , चाँद , तारे चाहत है तेरी
पर बंद दीवारों को सजाने पर तेरा जोर है
सपने देखती है खुली फिज़ाओ के ,
पर बड़े शहरो में बसने की कोशिश पुरजोर है...