Hindi Quote in Poem by दिपेश कामडी अनीस

Poem quotes are very popular on BitesApp with millions of authors writing small inspirational quotes in Hindi daily and inspiring the readers, you can start writing today and fulfill your life of becoming the quotes writer or poem writer.

मेरे पिता के लिए इसके सिवा ओर कुछ अर्ध्य नहीं दे सकता....

मुझे माफ़ कर देना, मेरे पापा।
जब मैं खोल पाता अपना आपा।
तब तक तो आपने ऊपर का रास्ता नापा।
मैंने आज तक आपका नहीं किया
कभी भी श्राद्ध।
नहीं लगता कर रहा हूँ अपराध।
नहीं कहता, कि वास्ता नहीं, आस्था नहीं ।
ना याद तिथि, ना पता विधि।
ना मन में मूरत है, ना यादों में सूरत।
रीति रस्मों सिखाने, जीवन राह दिखाने।
नीति, भीति बताते
पास रहकर अपनापन जताते।
कुछ वक्त तो मेरे साथ बिताते।
मेरे पास कुछ यादों की पूड़ियाँ छोड़ जाते।
जब अकेला होता, तन्हा होता
जब मायूस होता, उदास लम्हा होता
जब मैं रोता, तब आपको याद कर लेता।
अश्रुजल से अर्ध्य चढा देता।
अच्छा तो होता आप
यादों में आकर सताते।
आपकी यादों में बीते पल भाते।
कुछ आपके नाम के आँसू तो बहाते।
कट जाती किसी भी प्रकार रातें।
बता सकता आपकी कुछ भी बातें।
कुछ देर और रुक जाते।
कुछ भाग्यशाली तो कहलाते।
कुछ भी कर मन को बहलाते।
अच्छा होता कर सर पर सहलाते।
बस दीप के दिल में रखी है ज्योत जलाये।

@दीपेश कामडी 'अनीस'

Hindi Poem by दिपेश कामडी अनीस : 111566708
New bites

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now