आज मन कृष्ण हुआ,
कृष्ण हुआ कृष्ण हुआ,
अनन्न हुआ जन्म हुआ
कृष्ण हुआ कृष्ण हुआ.
आज हर तरफ मुझे,
कृष्ण नज़र आता है,
शीतल मन कैसे यूँ,
कृष्ण देख पाता है?
बाँवरी तो न हो गी,
ये डर सताता है,
मीरा, की जैसी,
न, ज़हर पीना आता है.
एक परीक्षा तो दे दूंगी,
ये समझ आता है,
शून्यता मे, भी मुझको
कृष्ण नज़र आता है.
आज मन धन्य हुआ,
कृष्ण हुआ कृष्ण हुआ
आज जन्म कृष्ण हुआ,
कृष्ण हुआ कृष्ण हुआ